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उसेन बोल्ट, जमैका और डोपिंग

अपने पिछले लेखों में मैं ‘मेंस 100 मीटर रेस’ में होने वाली डोपिंग अनियमितताओं और इनमें दोषी पाए गए खिलाड़ियों का उल्लेख करता आया हूँ. इस लेख में मैं इसी रेस के आज तक के सबसे बड़े खिलाड़ी ‘उसेन बोल्ट’ और उसके डोपिंग के दोषी होने की संभावनाओं का ज़िक्र करूँगा. हम सभी जानते हैं …

एथेंस से टोक्यो: डोपिंग रहस्य

अपने पिछले लेख (अटलांटा से एथेंस: डोपिंग रहस्य) में मैंने उल्लेख किया था कि इन दोनों ओलंपिक्स में किस तरह छोटे-बड़े सभी देशों के खिलाड़ी डोपिंग में लिप्त थे. वो किस तरह नयी-नयी और ख़तरनाक शक्तिवर्धक दवाओं और तकनीकों का प्रयोग कर वर्ल्ड एन्टीडोपिंग एजेंसी (वाडा) को चकमा दे रहे थे और अपने-अपने देशों के …

अटलांटा से एथेंस: डोपिंग रहस्य

अपने पिछले लेख (सिओल से अटलांटा: डोपिंग रहस्य) में मैनें इन ओलंपिक्स के मेंस 100 मीटर रेस में हुए डोपिंग केसेस के बारे में बताया था. प्रतिबंधित दवाओं का प्रयोग सभी तरह की रेसों, 100 मीटर (मेन/वीमेन), 200 मीटर (मेन/वीमेन), 400 मीटर (मेन/वीमेन), 800 मीटर (मेन/वीमेन), 1500 मीटर (मेन/वीमेन), 5000 मीटर (मेन/वीमेन), 10000 मीटर (मेन/वीमेन), …

सिओल से अटलांटा: डोपिंग रहस्य

इसके पहले वाले लेख (आखिर बेन जॉनसन ही क्यों?) में मैंने 1988 सिओल ओलिंपिक के बहुचर्चित डोपिंग केस का ज़िक्र किया था. इस लेख में मैं एक बार फिर वहीँ से शुरुआत करते हुए तब से लेकर 1996 अटलांटा ओलिंपिक की मेंस ‘100 मीटर’ रेस में हुए मुख्य डोपिंग केसेस की जानकारी दूंगा. जैसाकि हम …

आखिर बेन जॉनसन ही क्यों?

दिन शुक्रवार, 23 सितम्बर, 1988 सिओल, साउथ कोरिया, ओलिंपिक का वो दिन जिसे कोई खेल प्रेमी कभी नहीं भूल सकता. ये वो दिन था जब सभी की आँखे दुनिया के सबसे तेज दौड़ने वाले इंसान को देखने के लिए बेकरार थीं. इसमें मुकाबला नौ बार ओलिंपिक गोल्ड मेडल जीतने वाले अमेरिका के स्प्रिंटर कार्ल लेविस, …

…तो हमारे पास कई मेडल्स होते

टोक्यो ओलिंपिक में भारत के शानदार प्रदर्शन पर सभी देशवासियों को बहुत बहुत बधाई. मैं जानता हूँ कि हमेशा की तरह इस बार भी कई लोगों के जहन में एक सवाल ज़रूर होगा, कि हमारे देश की इतनी बड़ी आबादी होने के बावजूद हमें ओलिंपिक में इतने कम मेडल्स क्यों मिलते हैं? कई बार हमारे …